रजनीश कुमार, गढ़वा
स्थानीय जीएन कॉन्वेंट स्कूल में महापर्व छठ के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के निदेशक सह शिक्षाविद मदन प्रसाद केशरी एवं उपप्राचार्य बसंत ठाकुर द्वारा सम्मिलित रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया साथ ही भगवान भास्कर के चरणों में पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राओं एवं शिक्षक-शिक्षिकाओं को संबोधित करते हुए निदेशक मदन प्रसाद केशरी ने कहा कि छठ पूजा पूर्ण रूपेण आस्था का महापर्व है। छठ पर्व के दौरान महिलाएं और पुरुष कठिन व्रत रखते हैं और बिना पानी पिए व्रत धारण करते हैं। चार दिनों तक चलने वाला यह महापर्व परिवार की खुशहाली और बच्चों की लंबी उम्र की कामना के साथ मनाया जाता है। यह व्रत हमारे संस्कृति और लोक परंपरा का सूचक है। वहीं विशेष कर सूर्यास्त और सूर्योदय के समय भगवान भास्कर को अर्घ्य देते हैं।हिंदू धर्म में छठ पूजा की शुरुआत सनातन और वैदिक काल से मानी जाती है। पुरानी कहानियों के अनुसार ऐसा कहा गया है कि माता सीता और महाभारत काल में द्रोपदी ने भी इस कठिन व्रत का धारण किया था। छठी मैया का व्रत रखने के बाद धन-धान्य, संतान सुख और परिवार की खुशहाली प्राप्त होती है। छठ का पर्व विशेष रूप से सूर्य देव की कृपा पाने के लिए किया जाता है वहीं जीवन में समृद्धि की कामना भी पूर्ण होती है। यह पर्व खास तौर पर उत्तर भारत के बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। नहाए खाए से पर्व की शुरुआत होती है। छठ के पहले दिन नहाय खाय,दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उषा अर्घ्य दिया जाता है। यह पर्व पूर्णता ऊर्जा, शक्ति, सुचिता और सकारात्मक का प्रतीक है जो प्रकृति के तत्वों का आभार व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। साथ ही साथ यह पर्व वैज्ञानिक, सांस्कृतिक तथा आध्यात्मिक मूल्यों का संगम भी है। कार्यक्रम को सफल सम्बोधन में शिक्षक कृष्ण कुमार, वीरेंद्र शाह,मुकेश भारती, विकास कुमार, दिनेश कुमार, नीलम कुमारीआदि की भूमिका सराहनीय रही वहीं सरिता दुबे,चंदा कुमारी, रागिनी कुमारी, शिवानी कुमारी,वर्षा कुमारी, जूनियर इंचार्ज खुर्शीद आलम,पूजा प्रकाश मुख्य रूप से उपस्थित रहे। मंच का संचालन बसंत ठाकुर ने जबकि धन्यवाद ज्ञापन संतोष प्रसाद ने की।












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