शिक्षा ही वास्तविक शक्ति है: मदन

रजनीश कुमार, गढ़वा

 

स्थानीय जीएन कान्वेंट स्कूल में स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गयी जिसमें छात्र-छात्राओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के निदेशक सह शिक्षाविद् मदन प्रसाद केशरी एवं उपप्राचार्य बसंत ठाकुर द्वारा अब्दुल कलाम के चित्र पर पुष्प अर्पित किया गया। अपने संबोधन में निदेशक मदन प्रसाद केशरी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की शुरुआत वर्ष 2008 में हुई थी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पहली बार 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में घोषित किया। मौलाना आजाद का जन्म 11 नवंबर 1888 को हुआ था और उनकी जयंती पर इस उत्सव को समर्पित कर शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का निर्णय लिया गया। 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व परिवर्तनों की ओर अग्रसर था। यह स्वीकार करते हुए की एक शिक्षित समाज ही राष्ट्र की नींव है। एक कुशल शिक्षा प्रणाली विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। मौलाना अब्दुल कलाम एक विद्वान और स्वतंत्रता सेनानी थे।देश के विकास के प्रति अपनी दूरदर्शी सोच के कारण उन्होंने प्राथमिक शिक्षा और बालिका शिक्षा को बढ़ावा देकर निरक्षरता उन्मूलन के लिए प्रयास किया। शिक्षा के क्षेत्र में उनकी सबसे उल्लेखनीय उपलब्धि 1951 में प्रथम भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और 1953 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना हुई। वह जानते थे कि ऐसी स्थापना शैक्षिक उत्कृष्टता का मार्ग प्रशस्त करेंगी। अब्दुल कलाम को ज्ञान की शक्ति प्राप्त थी। इसका उपयोग उन्होंने देश की स्वतंत्रता के बाद भारत के शिक्षा क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन लाने के लिए किया। शिक्षा मंत्री के रूप में मौलाना आजाद ने शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के लिए अधिक प्रयास किया। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को शिक्षा के क्षेत्र में मौलाना आजाद के उल्लेखनीय है योगदान से अवगत कराना और इस प्रकार वर्तमान पीढ़ी को साक्षरता के गुणों को सर्वत्र फैलाने के लिए प्रेरित करना है।इस अवसर पर विद्यालय में भाषण, निबंध लेखन एवं पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया तथा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को चयनित कर प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षक कृष्ण कुमार, खुर्शीद आलम, वीरेंद्र शाह, विकास कुमार, दिनेश कुमार, मुकेश भारती, नीरा शर्मा, नीलम कुमारी, सुनीता कुमारी, शिवानी कुमारी, चंदा Hmesha, वर्षा कुमारी, ऋषभ कुमार ,पूजा प्रकाश, संतोष प्रसाद आदि की भूमिका सराहनीयरही।

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