प्रशिक्षण, शिक्षा का आत्मा है बच्चों को समझना ही कक्षा प्रबंधन है : एमपी केसरी

शिक्षक के लिए अपने विद्यार्थियों को प्रभावी ढंग से जानना, समझना और उनका विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है।

रजनीश कुमार,
गढ़वा


स्थानीय जीएन कान्वेंट(10+2) स्कूल में सीबीएसई गाइडलाइन के आलोक में इनहाउस टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम का तीसरा चरण संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के निदेशक व शिक्षाविद मदन प्रसाद केशरी तथा उपप्राचार्य बसंत ठाकुर द्वारा सम्मिलित रूप से दीप प्रज्वलित कर एवं माता सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया। अपने संबोधन में निदेशक ने कहा कि शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम एक ऐसा कार्यक्रम है जो शिक्षकों को ऐसी तकनीक और आधुनिक शिक्षण नीतियों से लैस करता है जो उन्हें अपने छात्रों से बेहतर संप्रेषण और आधुनिक तरीके से जुड़ने उन्हें प्रबंधन करने और उन्हें पढ़ने में मदद करती है जिससे यह सुनिश्चित होता है कि सभी छात्र सीख रहे हैं और लाभान्वित हो रहे हैं। शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम जब सही तरीके से और सही विषय वस्तु के साथ संचालित किए जाते हैं तो उनमें शिक्षकों को इस हद तक प्रशिक्षित करने की शक्ति होती है कि वह न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि इसके बाहर भी छात्रों पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। वर्तमान परिपेक्ष्य में शिक्षकों को प्रशिक्षित करना मुख्य रूप से इस तथ्य के कारण आवश्यक है कि वर्तमान पीढ़ी के छात्र पारंपरिक शिक्षण विधियों को नहीं समझते। हम आज के छात्रों को कल के तरीके से नहीं पढ़ा सकते हैं। जब शिक्षक यह समझ जाते हैं कि विभिन्न सीखने की शैलियों को कैसे पूरा किया जाए तो वह सैकड़ो और हजारों छात्रों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेंगे। जब शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेते हैं तो इससे उन्हें निरंतर व्यवसायिक विकास जैसे नए तरीके, विधियां,रणनीतियां, कौशल और उपकरण सीखने का अवसर प्राप्त होता। जब शिक्षकों का कौशल विकास होता है तो वे स्वत: ही आत्मविश्वासी, खुश और अपने छात्रों के साथ मिलकर और भी बेहतर करने के लिए प्रेरित महसूस करते हैं। आत्मविश्वासी और प्रसन्न शिक्षक ही आत्मविश्वासी और प्रसन्न छात्र के लिए प्रेरणास्रोत हो सकता है।शिक्षक प्रशिक्षण एक ऐसी नियोजित प्रक्रिया है जो भावी और कार्यरत शिक्षकों को प्रभावी शिक्षण के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण से लैस करती है। इसमें शैक्षिक मनोविज्ञान, विषय वस्तु की समझ, प्रभावी शिक्षण विधियां,कक्षा प्रबंधन और छात्रों का मूल्यांकन करने की क्षमता का विकास शामिल है ताकि शिक्षक अपने विद्यार्थियों को बेहतर तरीके से पढ़ा सके और उनकी सीखने की प्रक्रिया को प्रोत्साहित कर सके। इस प्रशिक्षण के रिसोर्स पर्सन पीजीटी शिक्षक कृष्ण कुमार एवं टीजीटी शिक्षक मुकेश कुमार भारती द्वारा कक्षा प्रबंधन टॉपिक पर गहन तार्किक एवं सुग्राह्य विचार एवं सुझाव व्यक्त किए गए जो अत्यंत ही सरस एवं सराहनीय रहा। मंच का कुशल संचालन शिक्षिका नीरा शर्मा जबकि धन्यवाद ज्ञापन खुर्शीद आलम द्वारा किया गया। स्वागतगान दशम कक्षा की छात्राओं द्वारा किया गया जबकि प्रोजेक्टर व स्लाइड संचालन का कार्य श्रेया आनंद द्वारा किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिक्षक वीरेंद्र शाह,विकास कुमार, सरिता दुबे, सुनीता कुमारी,दिनेश कुमार, नीलम कुमारी, सीमा श्रीवास्तव,रागिनी कुमारी, शिवानी कुमारी, चंदा कुमारी, वर्षा कुमारी, प्रिंस कुमार, संतोष प्रसाद आदि की उपस्थिति सराहनीय रही। राष्ट्रगान की प्रस्तुति के पश्चात प्रशिक्षण कार्य पूर्ण हुआ।निदेशक ने विजयादशमी की अवकाश घोषित करते हुए कार्यक्रम समापन की।

 

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